
वन अधिकार पट्टों के वितरण हेतु पात्र हितग्राहियों के चयन के लिए मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण आयोजित
कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बुधवार को वन मंडल अधिकारी सामान्य (DFO) श्री पुनीत सोनकर द्वारा वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों के चयन की प्रक्रिया को लेकर एक दिवसीय मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर एसडीएम, जनपद सीईओ, रेंजर्स सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
श्री सोनकर ने बताया कि ग्राम पंचायतों द्वारा अब तक यह स्पष्ट नहीं किया जा सका है कि वन भूमि पर काबिज हितग्राही कितनी जमीन पर कब्जे में हैं। ऐसे में फील्ड स्तर पर सटीक जानकारी प्राप्त करने हेतु ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, पटवारी और बीट गार्ड को 1 और 2 मई को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके उपरांत 3 मई से 10 मई तक ये अधिकारी व कर्मचारी वन ग्रामों का दौरा कर पात्र हितग्राहियों द्वारा काबिज भूमि की माप, नक्शा और सीमा का सत्यापन करेंगे।
15 हितग्राहियों का चयन करेगी ग्राम सभा
डीएफओ ने बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत या ग्राम सभा द्वारा वन भूमि पर काबिज लगभग 15 पात्र हितग्राहियों का चयन किया जाएगा। इस प्रक्रिया में पटवारी और बीट गार्ड सक्रिय भूमिका निभाएंगे। चयन के उपरांत ग्राम सभा में संकल्प पारित कर हितग्राहियों के आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे, जिसमें संबंधित अधिकारियों का अभिमत भी संलग्न किया जाएगा।
तीन-स्तरीय समिति द्वारा जांच
ग्राम पंचायत द्वारा तैयार प्रस्ताव पहले उपखंड स्तरीय समिति को भेजा जाएगा, जिसमें सीईओ, एसडीएम, एसडीओ और तीन अशासकीय सदस्य शामिल होंगे। यह समिति सभी दस्तावेजों की जांच करेगी। यदि दस्तावेज अपूर्ण पाए जाते हैं, तो आवेदन ग्राम सभा को संशोधन हेतु लौटाए जाएंगे। ग्राम सभा द्वारा दस्तावेज पूर्ण कर उन्हें पुनः भेजा जाएगा या अस्वीकृत किया जाएगा।
इसके बाद उपखंड स्तरीय समिति द्वारा अनुमोदित आवेदनों को जिला स्तरीय समिति को भेजा जाएगा। इस समिति में कलेक्टर, डीएफओ, सहायक आयुक्त तथा तीन अशासकीय सदस्य शामिल होंगे। समिति अंतिम रूप से दस्तावेजों की जांच कर पात्र हितग्राहियों को पट्टे जारी करने की प्रक्रिया पूर्ण करेगी।
डेढ़ माह में पूर्ण करनी है प्रक्रिया
श्री सोनकर ने कहा कि यह समस्त प्रक्रिया आगामी डेढ़ माह में पूर्ण की जानी है, ताकि पात्र हितग्राहियों को समय पर वन अधिकार पट्टे वितरित किए जा सकें।